बीजगणितीय सूत्र, त्रिकोणमिति गणित, परिधि और क्षेत्रफल
बीजगणितीय
सूत्र
a2-b2=(a-b)(a+b);
(a+b)2=a2+b2+2ab;
(a-b)2=a2+b2-2ab;
(x+a)(x+b)= x2+
(a+b)x+ab;
(x+y+z)2=x2+y2+z2+2xy+2yz+2zx;
(x+y)3=x3+y3+3xy(x+y);
(x-y)3=x3-y3-3xy(x-y);
X3+y3+z3-3xyz=(x+y+z)(x2+y2+z2-xy-yz-zx);
परिधि और क्षेत्रफल
वर्ग
का परिमाप=4*भुजा;
वर्ग का क्षेत्रफल= भुजा*भुजा;
वर्ग का क्षेत्रफल= भुजा*भुजा;
आयत का परिमाप=2*(लंबाई+चौड़ाई);
आयत का क्षेत्रफल= लंबाई*चौड़ाई;
वृत्त की त्रिज्या=r;
वृत्त का व्यास=d;
Π=22/7;
वृत्त की परिधि=2Πr;
वृत्त का क्षेत्रफल=Πr2;
त्रिभुज का परिमाप= त्रिभुज के तीनों भुजाओं का
योग;
त्रिभुज का क्षेत्रफल=1/2*आधार*ऊँचाई;
चतुर्भुज का परिमाप=चतुर्भुज
के सभी चार भुजाओं का योग;
चतुर्भुज का क्षेत्रफल= आधार*ऊँचाई;
घनाभ का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल=2*(लंबाई+चौड़ाई)*ऊँचाई;
घनाभ का कुल वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल=2*(लंबाई*चौड़ाई+चौड़ाई*ऊँचाई+ऊँचाई*लंबाई);
घनाभ का आयतन=लंबाई*चौड़ाई*ऊँचाई;
घन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल=4*भुजा2;
घन का कुल वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल=6*भुजा2;
घन का आयतन= भुजा*भुजा*भुजा=
भुजा3;
बेलन का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल=2Πrh;
बेलन का कुल वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल =2Πrh+ Πr2+ Πr2
=2Πrh+2Πr2
=2Πr(r+h);
बेलन का आयतन=Πr2h;
शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल=Πrl;
शंकु का कुल वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल =Πrl+Πr2= Πrl (l+r);
शंकु का आयतन=1/3 Πr2h;
गोले का आयतन=4/3 Πr3;
अर्धगोले का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल=2Πr2;
अर्धगोले का कुल वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल =3Πr2;
अर्धगोले का आयतन=2/3 Πr3;
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